PM Vishwakarma Yojana सुपरहिट हुई, किये गए 76,000 आवेदन, सबसे ज्यादा इस ट्रेड में किया गया आवेदन

PM Vishwakarma Yojana: उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस योजना के तहत, सरकार 18 पारंपरिक कौशल वाले व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इस योजना में अब तक 76,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से सर्वाधिक आवेदन दर्जी ट्रेड में प्राप्त हुए हैं।

इस योजना की लोकप्रियता के कई कारण हैं। सबसे पहले, यह योजना कारीगरों को उनके कौशल को बढ़ाने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करती है। दूसरे, इस योजना के तहत कारीगरों को टूल किट और अन्य आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो उनके व्यवसाय को शुरू करने या बढ़ाने में मदद करती है। तीसरे, इस योजना के तहत कारीगरों को बैंक लोन दिलाने में भी मदद की जाती है।

PM Vishwakarma Yojana

उत्तर प्रदेश सरकार इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार योजना के तहत प्राप्त आवेदनों का जल्द से जल्द सत्यापन करेगी और चयनित कारीगरों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की लोकप्रियता का कारण क्या हैं?

यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं जो प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की लोकप्रियता के कारण हैं:

  • यह योजना कारीगरों को उनके कौशल को बढ़ाने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करती है।
  • इस योजना के तहत कारीगरों को टूल किट और अन्य आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • इस योजना के तहत कारीगरों को बैंक लोन दिलाने में भी मदद की जाती है।
  • उत्तर प्रदेश सरकार इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।

इस योजना के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश के कारीगरों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और इससे राज्य के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

सबसे ज्यादा आवेदन दर्जी ट्रेड में क्यों हुए?

सबसे ज्यादा आवेदन दर्जी ट्रेड में होने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, यह एक ऐसा ट्रेड है जो भारत में काफी लोकप्रिय है। हर किसी को कपड़े पहनने की जरूरत होती है, और दर्जी ही ऐसे लोग हैं जो कपड़े बनाते हैं। इसलिए, यह एक ऐसा ट्रेड है जिसमें हमेशा कारीगरों की मांग रहती है।

दूसरा, दर्जी ट्रेड एक ऐसा ट्रेड है जिसमें कारीगरों को अच्छी कमाई हो सकती है। अगर एक दर्जी अपने काम में माहिर है, तो वह अच्छा पैसा कमा सकता है।

तीसरा, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत दर्जी ट्रेड में कारीगरों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह कारीगरों को अपने कौशल को बढ़ाने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करता है।

इन सभी कारणों से, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत दर्जी ट्रेड में सबसे ज्यादा आवेदन हुए हैं।

यहां कुछ विशिष्ट कारण दिए गए हैं जो दर्जी ट्रेड में सबसे ज्यादा आवेदन होने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं:

  • दर्जी ट्रेड एक ऐसा ट्रेड है जो भारत में कई पीढ़ियों से चला आ रहा है। यह एक पारंपरिक ट्रेड है जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित किया जाता है। इसलिए, उत्तर प्रदेश में कई ऐसे लोग हैं जो इस ट्रेड में काम करते हैं या करना चाहते हैं।
  • दर्जी ट्रेड एक ऐसा ट्रेड है जो महिलाओं के बीच भी लोकप्रिय है। उत्तर प्रदेश में, महिलाओं को अक्सर दर्जी के रूप में काम करने का अवसर मिलता है।
  • दर्जी ट्रेड एक ऐसा ट्रेड है जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोकप्रिय है। यह एक ऐसा ट्रेड है जो हर जगह मौजूद है।

कुल मिलाकर, इन सभी कारणों से, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत दर्जी ट्रेड में सबसे ज्यादा आवेदन हुए हैं।

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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या हैं ?

PM Vishwakarma Yojana भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक शिल्पों को संरक्षित और संवर्धित करना और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है।

इस योजना के तहत, कारीगरों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:

  • प्रशिक्षण: कारीगरों को उनके ट्रेड में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों या मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • वित्तीय सहायता: कारीगरों को टूल किट और अन्य आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • बाजार सहायता: कारीगरों को अपने उत्पादों को बेचने में मदद करने के लिए बाजार सहायता प्रदान की जाती है।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक कौशल वाले व्यवसाय शामिल हैं। इनमें बढ़ई, लोहार, नाई, मालाकार, हैमर और टूल किट मेकर, धोबी और टॉय मेकर शामिल हैं।

योजना के तहत, कारीगरों को चयनित किया जाता है और उन्हें प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कारीगरों का चयन उनके कौशल, अनुभव और आर्थिक स्थिति के आधार पर किया जाता है।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन प्रदान करती है। इस योजना से कारीगरों को अपने कौशल को बढ़ाने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

PM Vishwakarma Yojana: पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक वरदान

भारत सरकार ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक शिल्पों को संरक्षित और संवर्धित करना और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है।

योजना के तहत, कारीगरों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार सहायता प्रदान की जाती है। प्रशिक्षण के माध्यम से, कारीगर अपने कौशल को बढ़ा सकते हैं और अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं। वित्तीय सहायता के माध्यम से, कारीगर टूल किट और अन्य आवश्यक उपकरण खरीद सकते हैं। बाजार सहायता के माध्यम से, कारीगर अपने उत्पादों को बेचने में मदद प्राप्त कर सकते हैं।

योजना में 18 पारंपरिक कौशल वाले व्यवसाय शामिल हैं, जिनमें बढ़ई, लोहार, नाई, मालाकार, हैमर और टूल किट मेकर, धोबी और टॉय मेकर शामिल हैं।

PM Vishwakarma Yojana का लाभ उठाने के लिए, कारीगरों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:

  • भारत का नागरिक होना चाहिए
  • योजना में शामिल 18 ट्रेड में से किसी एक से जुड़ा हो
  • आय सीमा 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए

योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए, कारीगरों को ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन स्वीकृत होने पर, कारीगरों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार सहायता प्रदान की जाएगी।

PM Vishwakarma Yojana पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक वरदान है। इस योजना के माध्यम से, सरकार पारंपरिक शिल्पों को संरक्षित और संवर्धित करने के साथ ही कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है।

योजना के लाभार्थियों का कहना है कि इस योजना ने उन्हें अपनी आजीविका में सुधार करने में मदद की है। उदाहरण के लिए, एक बढ़ई ने बताया कि इस योजना के तहत उसे प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्राप्त हुई, जिससे वह अपनी कार्यशाला स्थापित कर सका। अब वह अपने व्यवसाय से अच्छी कमाई कर रहा है।

एक अन्य लाभार्थी, जो एक मालाकार है, ने बताया कि इस योजना के तहत उसे अपने उत्पादों को बेचने में मदद मिली है। अब वह अपने उत्पादों को ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म दोनों पर बेच रहा है, जिससे उसकी आय में वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का समर्थन करती है। इस योजना से कारीगरों को अपने कौशल को बढ़ाने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: नवीनतम अपडेट

  • 2 नवंबर, 2023 तक, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PMVY) के लिए 76,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। सबसे अधिक आवेदन दर्जी ट्रेड में प्राप्त हुए हैं, उसके बाद बढ़ई, लोहार, नाई, मालाकार, हैमर और टूल किट मेकर, धोबी और खिलौना निर्माता ट्रेड में प्राप्त हुए हैं।
  • उत्तर प्रदेश सरकार PMVY के सफल कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार जल्द ही प्राप्त आवेदनों का सत्यापन करेगी और चयनित कारीगरों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
  • केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक PMVY के लिए 13,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इससे पूरे भारत में 10 लाख से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ होगा।
  • PMVY के कार्यान्वयन के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) जिम्मेदार है। मंत्रालय ने कारीगरों और शिल्पकारों को योजना के लिए पंजीकरण करने के लिए एक समर्पित पोर्टल स्थापित किया है।

उपरोक्त के अलावा, सरकार PMVY को बढ़ावा देने और पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का समर्थन करने के लिए कई अन्य कदम भी उठा रही है। इनमें शामिल हैं:

  • आउटरीच अभियानों और कार्यशालाओं के माध्यम से योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • कारीगरों और शिल्पकारों को नई प्रौद्योगिकियों और डिजाइन प्रवृत्तियों पर प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • कारीगरों और शिल्पकारों को बाजारों और खरीदारों से जोड़ना।
  • कारीगरों और शिल्पकारों को अपना व्यवसाय शुरू करने या विस्तार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।

PMVY पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का समर्थन करने के लिए सरकार की एक स्वागत योग्य पहल है। इस योजना में रोजगार पैदा करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की क्षमता है।

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FAQs about the Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana (PMVY):

Q: What is the PMVY?

A: The PMVY is a scheme launched by the Government of India to support traditional artisans and craftspeople. The scheme provides training, financial assistance, and market support to artisans and craftspeople.

Q: Who is eligible for the PMVY?

A: To be eligible for the PMVY, artisans and craftspeople must meet the following criteria: Be a citizen of India, Be engaged in one of the 18 traditional skill-based trades covered by the scheme, Have an annual income of less than Rs. 3 lakh

Q: How can I apply for the PMVY?

A: Artisans and craftspeople can apply for the PMVY online or offline. To apply online, they can visit the official website of the Ministry of Micro Small and Medium Enterprises (MSME). To apply offline, they can visit the nearest District Industries Centre (DIC).

Q: When will I receive the benefits of the PMVY?

A: Artisans and craftspeople who are selected for the PMVY will receive the benefits of the scheme within a few weeks of being selected.

Q: Who can I contact for more information about the PMVY?

A: For more information about the PMVY, artisans and craftspeople can contact their nearest District Industries Centre (DIC).

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