निपुण भारत मिशन 2023 (Nipun Bharat Mission 2023): नमस्कार दोस्तों , स्वागत हैं आज आपका अपना हिंदी ब्लॉग Pmallyojana.com में। आज मैं इस आर्टिकल के माध्यम से बात करूँगा निपुण भारत मिशन 2023 के बारे में
निपुण भारत 2023: किसी भी देश के विकास के लिए शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है, इसे महसूस करते हुए हमारे देश की केंद्र सरकार लगातार शिक्षा को बढ़ावा देती है। समय बीतने के साथ सरकार शिक्षा के स्तर को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए शिक्षा नीति में भी बदलाव कर रही है। इसके साथ ही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सभी विद्यार्थियों व अभिभावकों को भी शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया गया है। ताकि अधिक से अधिक आबादी और युवा शिक्षित हो सकें। इसी कड़ी में एक और स्कीम का नाम जुड़ गया है।
इस योजना का नाम है ‘निपुण भारत 2023’। जिसे केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है। आपको बता दें कि NIPUN Bharat Yojana वर्ष 2020 में लाई गई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए शुरू की गई है। NIPUN Bharat Program का पूरा नाम नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी भारत प्रोग्राम (National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy Bharat Programme) है। इसे केंद्र प्रायोजित समग्र शिक्षा योजना के तहत शुरू किया गया है।
आज हम इस लेख के माध्यम से आपको NIPUN Bharat Yojana के बारे में सभी आवश्यक जानकारी देंगे। उदाहरण के लिए, सफल भारत क्या है? इसकी कार्यान्वयन प्रक्रिया, विशेषताएं, उद्देश्य, निपुण भारत योजना नई दिशानिर्देश PDF आदि आपको सभी तथ्यों की जानकारी देगा। जानने के लिए आप हमारा पूरा Article पढ़ सकते हैं।
Table of Contents
निपुण भारत योजना | NIPUN Bharat Yojana 2023
शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए भारत की केंद्र सरकार द्वारा NIPUN Bharat Yojana 2023 शुरू की गई है। निपुण भारत को 5 जुलाई 2021 को लॉन्च किया गया है। NIPUN Bharat Mission 2023 का पूरा नाम है National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy। इस योजना में प्री-स्कूल छात्रों के बीच शिक्षा की नींव को मजबूत किया जाएगा और इसके लिए इस मिशन के तहत सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस योजना का संचालन स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। निपुण योजना विद्यालय शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक अंग होगा।
निपुण भारत मिशन के तहत, कक्षा 3 में पढ़ने वाले सभी बच्चों को कक्षा के अंत तक बुनियादी साक्षरता और अंकगणित में महारत हासिल करनी है। ताकि वे वर्ष 2026 – 2027 तक गणित पढ़ने, लिखने और करने की क्षमता प्राप्त कर सकें। बुनियादी शिक्षा के सुदृढ़ीकरण से छात्रों को आगे के पाठ्यक्रमों और पहले से बेहतर समझ में सुविधा होगी। जल्द ही इस ‘निपुण भारत मिशन’ को सरकार पूरे देश में यानी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करेगी।
Highlights of NIPUN Bharat Mission 2023
योजना का नाम | NIPUN Bharat Mission |
योजना का प्रकार | केंद्र सरकार योजना |
आरम्भ की तिथि | 5 जुलाई |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.education.gov.in/en |
निपुण भारत गाइडलाइन्स | यह क्लिक करे |
निपुण भारत योजना का उद्देश्य
निपुण भारत मिशन का उद्देश्य कक्षा 3 से कक्षा 6 तक के छात्रों को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्रदान करना है, ताकि उनकी शिक्षा की नींव मजबूत की जा सके। इसके लिए मजबूत बुनियादी ज्ञान होना जरूरी है। आज भी कक्षा 3 में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और उनके समग्र मानसिक विकास के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें आज के समय की मांग के अनुसार बुनियादी शिक्षा और इसके पाठ्यक्रमों में दक्ष बनाया जाए। इससे सभी छात्रों के लिए आगे की पढ़ाई और पाठ्यक्रम करना आसान हो जाएगा और अन्य जानकारी को पहले से समझने में सक्षम होंगे।
Annual Status Of Education Report के निष्कर्षों के मुताबिक, ज्यादातर भारतीय छात्र जो लगातार कई सालों से प्राइमरी स्कूल में हैं, वे बेसिक मैथ्स को पढ़ने और समझने में असमर्थ हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए निपुण भारत मिशन की शुरुआत की गई, ताकि बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत किया जा सके। आपको बता दें कि इस योजना की शुरुआत शिक्षा की नई नीति के तहत की गई है।
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कार्यान्वयन प्रकिया क्या हैं ?
NIPUN Bharat 2023 की शुरुआत देश में लागू क जाने वाली नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए किया गया है। बता दें की इस मिशन (NIPUN Bharat Mission) को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्तरीय तंत्र की स्थापना की जाएगी जिसमें राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर पर सञ्चालन होगा। जैसे की हमने लेख में बताया की योजना का संचालन शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा।
देश में लागू की जाने वाली नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए NIPUN Bharat 2023 की शुरुआत की गई है। आपको बता दें कि इस मिशन (NIPUN Bharat Mission) को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5-स्तरीय प्रणाली स्थापित की जाएगी, जो राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर पर संचालित होगी। जैसा कि हमने लेख में बताया, योजना का संचालन शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा।
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इस मिशन के तहत 3 से 9 साल के बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा और उन्हें बेहतर बुनियादी शिक्षा दी जाएगी। इस मिशन के तहत वर्ष 2026-2027 के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत प्री स्कूल 1, प्री स्कूल 2 और प्री स्कूल 3 (बाल वाटिका) के बाद ग्रेड 1, ग्रेड – 2 और ग्रेड 3 की कक्षाएं होंगी। इन कक्षाओं के दौरान छात्रों को भाषा और गणित की बेहतर जानकारी दी जाएगी।
यहाँ जानिये NIPUN Bharat Mission की भूमिका व कार्य के बारे में
इस मिशन के तहत बुनियादी शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। छात्रों को बेहतर बेसिक/प्राथमिक शिक्षा देकर 2021-2023 के लिए तैयार किया जाएगा। बता दें कि इस योजना के लिए मिशन रणनीति और दस्तावेज तैयार करने के साथ ही स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय के रूप में भी कार्य करेगा। इसके अलावा मिशन निदेशक एवं एजेंसी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वयन किया जायेगा।
निपुण भारत मिशन का प्रसाशनिक संचरण : बता दें कि प्रशासनिक संचरण 5 स्तरों पर होता है। इस बारे में निचे बताया गया हैं –
- National Level Mission (राष्ट्रीय स्तर): यह राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा। इसका संचालन स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग करेगा। इसके तहत बच्चों को लर्निंग गैप, असेसमेंट, लर्निंग स्ट्रेटेजी दस्तावेज तैयार करना, लर्निंग मैट्रिक्स तैयार करना जैसे काम किए जाएंगे।
- State Level Mission (राज्य स्तर पर): इसे राज्य स्तर पर संचालित किया जाएगा। इस स्तर पर संचालन की जिम्मेदारी विद्यालय शिक्षा विभाग की होगी। और इसके लिए राज्य मरम्मत समिति का गठन किया जाएगा। और राज्य स्तर पर इसका क्रियान्वयन राज्य के सचिव प्रधान द्वारा किया जायेगा.
- District Mission (जिला स्तर पर): इस योजना का संचालन जिला स्तर पर किया जायेगा। इसका संचालन उपायुक्त और उपायुक्त द्वारा किया जाएगा। इस योजना को जिला स्तर पर तैयार करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, समिति सदस्य सीईओ, जिला स्वास्थ्य अधिकारी आदि को सदस्य बनाया जाता है।
- Block Cluster Mission: इस स्तर पर ब्लॉक स्तर पर मिशन का क्रियान्वयन होता है। इस स्तर पर मिशन को संचालित करने के साथ-साथ इसकी निगरानी करने की जिम्मेदारी शिक्षा अधिकारी और प्रखंड संसाधन व्यक्ति की होती है।
- Shool Managment Committie & Community Participation : यह मिशन स्कूल और सामुदायिक स्तर पर संचालित किया जाएगा। इस मिशन के जरिए देशभर में शिक्षा अभियान से जुड़ी जागरूकता फैलाने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही मिशन के तहत स्कूल प्रबंधन शिक्षकों और अभिभावकों की ओर से भी योगदान दिया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए इस मिशन के जरिए सभी को जागरूक किया जाएगा।
निपुण भारत मिशन के कार्यान्वयन हेतु जारी किया गया बजट
केंद्र सरकार द्वारा ‘2020‘ में लाई गई नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए ‘निपुण भारत मिशन’ शुरू किया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने अच्छा बजट जारी किया है। जानकारी के लिए बता दें कि निपुन भारत मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2021-2023 के लिए पूरे देश में ‘समग्र शिक्षा योजना‘ के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 2688.18 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी गई है। यह राशि आधारभूत चरण के लिए विभिन्न उपायों को लागू करने के लिए है। जिससे बच्चे योजना के तहत बेहतर बुनियादी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और आगे के कोर्स के लिए तैयार हो सकेंगे। अभी सरकार का लक्ष्य 2026-2027 तक इसे पूरा करने का है।
ये बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता क्या होती हैं ?
हमने अब तक सीखा है कि निपुन भारत मिशन के तहत सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में बुनियादी शिक्षा को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा। जिससे सभी छात्र-छात्राओं और लड़कियों को भाषा और संख्यात्मक ज्ञान प्राप्त होगा। आखिर क्या है यह बुनियादी साक्षरता और अंकगणित? इसे इस तरह से समझा जा सकता है – वास्तव में बुनियादी साक्षरता वह क्षमता है जिसके द्वारा छात्र पढ़ने, लिखने, बोलने और व्याख्या करने में सक्षम होता है। जबकि मूल अंकगणित संख्यात्मक विधियों और विश्लेषण का उपयोग करके दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को हल करने की क्षमता है।
इसी ज्ञान के आधार पर छात्र आगे की शिक्षा ग्रहण कर सकता है। यह बुनियादी ज्ञान मुख्य रूप से बच्चों को कक्षा-3 तक प्राप्त करना होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने निपुण भारत के तहत कक्षा 3 के छात्रों के लिए बुनियादी शिक्षा की नींव को मजबूत करने का प्रावधान किया है।
आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता के प्रकार
आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के कितने प्रकार हैं, ये आप निचे से समझ सकते हैं।
मूलभूत भाषा एवं साक्षरता
- मौखिक पठन प्रवाह
- धवनियात्मक जागरूकता
- लेखन
- शब्दावली
- रीडिंग कंप्रीहेंशन
- मौखिक भाषा का विकास
- प्रिंट के बारे में अवधारणा
- डिकोडिंग
- कल्चर ऑफ रीडिंग
मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
- गणितीय तकनीकें
- पूर्व संख्या अवधारणाएं
- आकार एवं स्थानिक समाज
- मापन
- नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर
- पैटर्न
NIPUN Bharat Mission के द्वारा साक्षरता व संखायात्मकता में किए जाने वाले सुधार
निपुण भारत मिशन के तहत देश की शिक्षा नीति में सुधार होगा। जैसा कि आप जानते हैं कि देश की नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए इस मिशन की शुरुआत की गई है। यहां जानिए क्या-क्या करने होंगे बदलाव –
- शिक्षा में छात्रों को प्रोत्साहित करना: जैसा कि सभी जानते हैं कि छोटे बच्चे बचपन में जल्दी सीखते हैं और इस उम्र में जो कुछ भी सिखाते हैं, वे जल्दी और लंबे समय तक उन सभी चीजों को आत्मसात कर लेते हैं। ऐसे में जरूरी है कि सीखने की उम्र में शिक्षकों द्वारा उन पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। बुनियादी साक्षरता के साथ-साथ बच्चों को सामाजिक ज्ञान भी प्रदान किया जाना चाहिए। बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए यह आवश्यक है कि निम्न बातों का भी ध्यान रखा जाए-
- लिंग-मुक्त किताबों, चित्रों, पोस्टरों, खिलौनों आदि के माध्यम से शिक्षित करें।
- लड़के और लड़कियों की निष्पक्ष और समान अपेक्षाएं प्रदर्शित करें।
- विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना।
- पाठ्यचर्या (कहानियां और कविताएं) जिसमें लड़के और लड़कियों को समान भूमिकाओं में प्रस्तुत किया जाता है।
- कोशिश करें कि कक्षा में किसी भी तरह से लैंगिक पक्षपाती बयानों का इस्तेमाल न करें।
- लर्निंग अस्सेस्मेंट : लैनिंग आकलन का उद्देश्य बच्चों की सीखने की क्षमता का आकलन करना है। इसके लिए उनके द्वारा लिए गए विभिन्न पाठ्यक्रमों में उनके विकास का आकलन किया जाता है ताकि बच्चे की सीखने की क्षमता पर नजर रखी जा सके। इसके लिए तरह-तरह की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए बच्चों की रुचि का पता लगाया जा सकता है। साथ ही उनकी रुचि के अनुसार उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा सकता है। इसके अलावा जहां बच्चे को समस्या हो रही है वहां भी पता लगाया जा सकता है और बच्चे की मदद की जा सकती है।
- विद्यालय मॉडल : इस मॉडल के अनुसार बच्चे को स्कूल भेजा जाना बहुत जरूरी है। इसका कारण यह है कि बच्चे न केवल स्कूल जाते समय शिक्षा प्राप्त करते हैं, बल्कि उन्हें स्कूल जाने और अपने साथी बच्चों, शिक्षकों और अन्य सहयोगियों से सीखने का भी अवसर मिलता है। जिससे बच्चे का पूर्ण विकास संभव है।
- आपकी जानकारी के लिए बता दे कि NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के तहत 3 महीने का स्कूल तैयारी मॉड्यूल निर्धारित किया गया है। जिसके माध्यम से बच्चे प्री-स्कूल शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ताकि आगे उन्हें स्कूल जाने में कोई परेशानी न हो। क्योंकि स्कूल जाने के लिए जरूरी है कि बच्चे के पास कम से कम स्किल और नॉलेज हो।
निपुण भारत 2023 के हितधारकों की सूची
1. | CBSE (सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन) |
2. | राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश (States & UTs) |
3. | स्टेट काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग |
4. | सेंट्रल स्कूल आर्गेनाइजेशन |
5. | नेशनल काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग |
6. | मुख्य शिक्षक |
7. | कम्युनिटी एवं पैरेंट |
8. | डिस्ट्रिक्ट इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग |
9. | ब्लॉक रिसर्च सेंटर तथा क्लस्टर रिसोर्सेज सेंटर |
10. | डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर एवं ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर |
11. | सिविल सोसाइटी आर्गेनाइजेशन |
12. | प्राइवेट स्कूल |
13. | गैर सरकारी संगठन (Non Government Organization) |
NIPUN Bharat Mission 2023 के भाग
निपुण भारत योजना को सरकार द्वारा 17 भागों में बंटन किया गया है। यह भाग कुछ इस प्रकार है।
- परिचय
- मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
- मूलभूत भाषा और साक्षरता को समझना
- शिक्षा और सीखना: बच्चों की क्षमता और विकास पर मुख्य ध्यान
- योग्यता आधारित शिक्षा की ओर स्थानांतरण
- लर्निंग एसेसमेंट
- शिक्षण -अधिगम प्रक्रिया: शिक्षक की भूमिका
- राष्ट्रीय मिशन: पहलू एवं दृष्टिकोण
- स्कूल की तैयारी
- मिशन की सामरिक योजना
- मिशन कार्यान्वयन में विभिन्न हितग्राहियों की भूमिका
- SCERT और DIET के माध्यम से शैक्षणिक साहित्य
- दीक्षा/NDEAR का लाभ उठाना, डिजिटल संसाधनों का भंडार
- निगरानी और सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा
- मिशन की स्थिरता
- माता पिता एवं सामुदायिक जुड़ाव
- अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजी करण की आवश्यकता
निपुण भारत 2023 का राष्ट्रीय परिदृश्य
देश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए निपुण भारत शुरू किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को गुणवत्ता देना है। ताकि उनकी शिक्षा हर परिदृश्य में काम आए।
- शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना
- शिक्षा की पहुँच पर ध्यान देना
- बच्चों के सीखने के परिमाण पर ध्यान
- सीखने के परिमाण की उपलब्धियों का मापन करना
बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामकता पर राष्ट्रीय मिशन
निपुण भारत योजना देश में नई शिक्षा प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए शुरू की गई है। बता दें कि बुनियादी साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति और अन्तर्निर्भर भारत अभियान के तहत ‘नेशनल मिशन ऑन बेसिक लिटरेसी एंड न्यूमेरसी’ शुरू करने का फैसला किया गया है। जैसा कि लेख में आपने 2026-27 तक मिशन के उद्देश्य को प्राप्त करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी। कक्षा 3 के अंत तक 3 वर्ष से 9 वर्ष तक की आयु के बच्चे शामिल हैं। इसमें उन्हें बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान मुहैया कराया जाएगा।
मूलभूत भाषा एवं साक्षरता की आवश्यकता
- प्रारंभिक वर्षों में भाषा-साक्षरता और गणितीय कौशल की एक मजबूत नींव विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य में बच्चे को बेहतर शिक्षा मिल सके।
- विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के साथ-साथ प्रारंभिक साक्षरता का विकास भी मस्तिष्क के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- विद्यार्थियों को बुनियादी भाषा और साक्षरता प्रदान करने के बाद बच्चे समझ के साथ पढ़ सकते हैं। यह मथुरा पायलट परियोजना के निष्कर्षों के अनुसार कहा गया है।
- शुरुआती वर्षों में बच्चों को बुनियादी बुनियादी भाषा और साक्षरता प्रदान करना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 85% बच्चों के मस्तिष्क का विकास 6 साल की उम्र तक हो जाता है और तब तक उन्हें बुनियादी शिक्षा मिल जानी चाहिए।
प्राथमिक भाषा और साक्षरता का अर्थ केवल बोलना, पढ़ना और सुनना नहीं है। बल्कि इसके माध्यम से व्यक्ति अपने परिवेश के बारे में एक समझ विकसित करता है और उसके बारे में अपनी सोच बनाता है। यह बहुत जरूरी है कि उन्हें शुरुआती वर्षों में ही यह बुनियादी साक्षरता मिल जाए, ताकि वे आगे चलकर अपनी समझ विकसित कर सकें, ताकि आगे चलकर उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। आप प्रारंभिक भाषा और साक्षरता में निम्नलिखित बिंदु ले सकते हैं –
- पढ़ने और लिखने का ज्ञान।
- आपकी कक्षा में लेखन की अवधारणा
- प्रारंभिक शिक्षा की अवधि के दौरान उभरते लेखन, पारंपरिक लेखन और लेखन संरचना के माध्यम से लेखन कौशल विकसित करना।
ये हैं मूलभूत भाषा एवं साक्षरता के प्रमुख घटक
- रीडिंग कंप्रीहेंशन
- प्रिंट के बारे में अवधारणा
- लेखन
- मौखिक भाषा का विकास
- शब्दावली
- धावनी के माध्यम से जागरूकता
- डिकोडिंग
- पढ़ने का प्रभाव
- पढ़ने की संस्कृति
भाषा और साक्षरता विकास को बढ़ाने के लिए उठाये गए कुछ कदम
- कहानियां एवं कविताएं सुनना, बताना और लिखना
- सॉन्ग एंड राइम्स
- अनुभव साझा करना
- एक प्रिंट समृद्धि वातावरण बनाना
- ऊंचे स्वर में पढ़ना
- ड्रामा और रोल प्ले
- पिक्चर रीडिंग
- शेयर ट्रेडिंग
- कक्षा की दीवारों का उपयोग करना
- अनुभव आधारित लेखन
- मिड डे मील
मूलभूत संख्यामक और गणित कौशल
इसका अर्थ है दैनिक जीवन में समस्याओं को हल करने के लिए संख्यात्मक अवधारणाओं को तर्क करने और लागू करने की क्षमता। जब छात्र निम्नलिखित कौशल हासिल कर लेते हैं, तो उन्हें बुनियादी संख्यात्मक और गणित कौशल की समझ होती है।
- कम या ज्यादा और छोटे या बड़े की समझ विकसित करें
- किसी एक वस्तु और वस्तुओं के समूह के बीच संबंध स्थापित करने की क्षमता
- मात्राओं की समझ
- मात्राओं को दर्शाने वाली प्रतियों का उपयोग करना
- संख्या आदि की तुलना करना
आवश्यकता प्रारंभिक गणित कौशल की
- संख्या और स्थानिक समझ का उपयोग विद्यार्थी दैनिक जीवन में कर सकते हैं।
- दैनिक जीवन में तार्किक सोच और तर्क का विकास कर सकते हैं
- प्रारंभिक वर्षों में गणितीय कौशल महत्वपूर्ण होते हैं।
- रोजगार में और घरेलू स्तर पर मूल अंकगणित का योगदान
प्रारंभिक गणित के प्रमुख घटक
- नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर
- फ्री नंबर अवधारणाएं
- डाटा संधारण
- आकार एवं स्थानिक समझ
- माप तोल
- पैटर्न
- गणितीय संचार
इस लेख के माध्यम से, हमने आपको ‘निपुण भारत मिशन 2023’ के बारे में सभी आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है। आशा है कि लेख में दी गई जानकारी आपको उपयोगी लगी होगी। अगर आप इस लेख से संबंधित कोई अन्य जानकारी चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं।
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निपुण भारत मिशन 2023 से समबन्धित प्रश्न और उनके उत्तर
निपुण भारत मिशन का पूरा नाम हैं National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy
NIPUN Bharat Mission को शिक्षा विभाग द्वारा 5 जुलाई 2021 को आरम्भ किया गया।
4 से 10 वर्ष की आयु के प्री-स्कूल (ग्रेड-3) के छात्रों को बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय ज्ञान प्रदान करके लिखने, पढ़ने और अंकगणित करने की क्षमता में सुधार करना।
डेटा हैंडलिंग, गणितीय संचार, पैटर्न, मापन, संख्या पैटर्न आदि पर संख्या और संचालन, और बुनियादी भाषा और साक्षरता का मौखिक भाषा विकास, पढ़ने की समझ, लेखन, शब्दावली, डिकोडिंग आदि। NIPUN Bharat Mission 2023 का पूरा नाम क्या है ?
निपुण भारत मिशन 2023 की शुरुआत कब हुई ?
NIPUN Bharat 2023 का उद्देश्य क्या है ?
निपुण भारत मिशन 2023 के मुख्य कंपोनेंट्स क्या हैं ?