RBI New Update on KYC: RBI ने जारी किया नया आदेश, जानिए आपके लिए क्या है जरूरी

RBI New Update on KYC: भारतीय रिजर्व बैंक बैंक ने एक बार फिर से नया अपडेट जारी कर दिया है। केंद्रीय रिजर्व बैंक ने आप केवाईसी को लेकर नई गाइडलाइन बनाया है। मंगलवार को ग्राहक की जांच पड़ताल व्यवस्था को और भी ज्यादा मजबूत किए जाने वाला है। पहले के मुकाबले अब केवाईसी को और भी ज्यादा मजबूत बनाया जाएगा ताकि सभी नागरिकों के बैंक और भी ज्यादा सुरक्षित रहे। RBI के गाइडलाइन के तहत बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से समय-समय पर KYC अपडेट को लेकर जोखिम आधारित रुख अपनाने को कहा गया है।

RBI ने मास्टर डायरेक्शन में क्या बदलावल किया ?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को मास्टर डायरेक्शन में संशोधन किया, जिसमें बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को अपने ग्राहकों की केवाईसी (Know Your Customer) जानकारी को समयसमय पर अपडेट करने के लिए जोखिम-आधारित दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मास्टर डायरेक्शन में निम्नलिखित बदलाव किए हैं:

  • KYC Update के लिए जोखिम-आधारित दृष्टिकोण अपनाना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पहले, सभी ग्राहकों के लिए KYC Update की एक समान आवृत्ति निर्धारित थी। अब, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उन ग्राहकों की जानकारी को नियमित रूप से अपडेट किया जाए जिनके खातों में उच्च जोखिम होता है।
  • KYC Update के लिए नई समय सीमा निर्धारित की गई है। अब, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को उन ग्राहकों की जानकारी को अपडेट करने के लिए 12 महीने का समय दिया जाएगा जिनके खातों में मध्यम जोखिम होता है। उन ग्राहकों की जानकारी को अपडेट करने के लिए 24 महीने का समय दिया जाएगा जिनके खातों में उच्च जोखिम होता है।
  • अब KYC Update के लिए नई प्रक्रियाओं को अपनाया गया है। अब, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को KYC Update के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापन प्रक्रियाओं को अपनाना होगा।

RBI ने क्यों किया ये बदलाव?

RBI New Update on KYC

सरकार की तरफ से कई ऐसे नियम बनाया गया है जैसे कि Anti-Money Laundering Rules, Unlawful Activities Prevention Act (UAPA) और Weapons of Mass Destruction and their Delivery Systems Act का निषेध अधिनियम से संबंधित नए निर्देशों के बाद RBI का यह नया संशोधन गाइडलाइन आया है।

Reserve Bank Of India के मुताबिक उसने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की सिफारिश के मुताबिक कुछ निर्देशों को अपडेट किया है। ऐसे ही निर्देशों में यह भी कहा गया है की केवाईसी को समय-समय पर अपडेट के लिए जोखिम पर आधारित नजरिया में बदलाव किया गया है। इसके तहत केंद्रीय बैंक के नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयों को केवाईसी के समय-समय अपडेट के लिए जोखिम आधारित दृष्टिकोण अपनाना होगा यह इसलिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहकों के संबंधित जांच पड़ताल के तहत एकत्र की गई जानकारी खासकर जहां जोखिम अधिक है उसे बनाए रखा जाए।

ग्राहकों के लिए सुझाव

ग्राहकों को यह सुनिश्चित करने के लिए अपने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहना चाहिए कि उनकी केवाईसी जानकारी अपडेट है। इसके अलावा, ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्होंने अपने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को अपने पते, संपर्क जानकारी और अन्य व्यक्तिगत विवरणों में किसी भी परिवर्तन के बारे में सूचित किया है। यह बदलाव बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए KYC Process को और अधिक Strong कर देगा। इससे ग्राहकों को अपने खातों और अन्य वित्तीय उत्पादों को अपडेट करने के लिए अधिक बार बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों का दौरा करना होगा।

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